रामा शंकर चौबे/कैमूर-जिले के विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों के काले करतूतों की कलई खुलती हुई नजर आ रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिले के सिकठी पंचायत के बहेरी गांव मे कुछ ग्रामीणों के घर मे विद्युत विभाग के तार की खराबी के कारण बिजली नही जल रही थी जिसको लेकर गांव के ग्रामीणों के द्वारा विद्युत विभाग के वरीय अधिकारियों को सुचना दि गई परन्तु विद्युत विभाग के द्वारा बिजली की समस्याओ को ठीक करने के बजाय शिकायतकर्ता के मोबाइल पर बिजली बिल भेजा दिया गया। इससे विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर सवाल उठने चालू हो गए है।
आपको बताते चलें की विद्युत विभाग की ओर से प्रत्येक गांव मे विद्युत बिल भेजने के लिए एक आदमी को रखा गया है जिससे गांव के ग्रामीणों को महिने मे एक बार बिजली बिल मिलती है तथा जरूरत के मुताबिक ग्रामीण विद्युत विभाग को अपना बिजली बिल भी जमा करते है।
शुक्रवार को रात्री मे गांव के ग्रामीण के द्वारा विद्युत विभाग के बिजली गुल होने की शिकायत की गई। जिसपर विद्युत विभाग के कर्मी बिजली बनाने के बजाय शिकायतकर्ता के मोबाइल पर विद्युत बिल भेज दिए। ग्रामीण की माने तो विभाग की ओर से रखे गये मिस्त्री के द्वारा गांव मे बिजली से संबंधित समस्याओ के लिए प्रत्येक बार पैसे की मांग की जाती है तथा रात्री के समय सेवा देने मे आनाकानी कि जाती है। वही ग्रामीण की शिकायत पर बिजली बनाने पहुंचे बिजली मिस्त्री के द्वारा शिकायतकर्ता को यह कहकर डराने जाने लगा की आपके घर का तार कौन सा है आप अपना घर दिखाइये एवं बिजली बनने के बाद मिस्त्री के द्वारा शिकायतकर्ता के घर पर रात्री मे 10 बजे विद्युत विभाग से संबंधित कागजात और तार की चेकिंग की जाने लगी। विद्युत विभाग के ऐसे कर्मचारियो की कार्यशैली से विभाग पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। वही विद्युत विभाग के कारनामों से जिले के कई गांव लोग परेशान है। लोगों का आरोप है की विद्युत विभाग के खिलाफ जो लोग शिकायत करते है उनके शिकायतों को विद्युत विभाग ठीक करने के बजाय उपभोक्ताओं को डराने की जुगाड़ मे लग जाते हैं।